गायन

प्रवीण संगीताचार्य (VIII Year) - गायन (मंच प्रदर्शन पाठ्यक्रम )

प्रवीण संगीताचार्य (VIII Year) - गायन (मंच प्रदर्शन पाठ्यक्रम )

 मंच प्रदर्शन
1. मंच प्रदर्शन में गायन के परीक्षार्थीं को सर्वप्रथम उपर्युक्त विस्तृत अध्ययन के 15 रागों में से
अपनी इच्छानुसार किसी भी एक राग में विलम्बित तथा दु्रत खयाल लगभग 30 मिनट तक या
परीक्षक द्वारा निर्धारित समय में पूर्ण गायकी के साथ गायन। इसके बाद थोड़ी देर किसी राग
की ठुमरी, भजन या भावगीत गाने का अभ्यास।
2. मंच प्रदर्शन के समय परीक्षाकक्ष में श्रोतागण भी कार्यक्रम सुनने हेतु उपस्थित रह सकते हैं।
3. परीक्षक को अधिकार होगा कि यदि वे चाहें तो निर्धारित समय से पूर्व भी परीक्षार्थी का प्रदर्शन
समाप्त कर सकते हैं। Read More : प्रवीण संगीताचार्य (VIII Year) - गायन (मंच प्रदर्शन पाठ्यक्रम ) about प्रवीण संगीताचार्य (VIII Year) - गायन (मंच प्रदर्शन पाठ्यक्रम )

प्रवीण संगीताचार्य (VIII Year) - गायन (मौखिक पाठ्यक्रम )

प्रवीण संगीताचार्य (VIII Year) - गायन (मौखिक पाठ्यक्रम )

मौखिक
1. निम्नलिखित 15 रागों का विस्तृत अध्ययन - देवगिरी बिलावल, यमनी बिलावल, श्यामकल्याण, गोरख कल्याण, मेघ मल्हार, जैताश्री, भटियार, मियां की सांरग, सूहा, नायकी कान्हड़ा, हेमन्त, कौसी कान्हड़ा, जोगकौंस, बिलासखानी तोड़ी, झिंझोटी।
2. उपर्युक्त सभी रागों में विलम्बित तथा दुत खयालों की विस्तृत रूप से गाने की पूर्ण तैयारी। इनमें से कुछ रागों में धु्रपद, धमार, तराना, चतुरंग आदि कुशलता पूर्वक गाने का अभ्यास। अपनी पसंद के रागों में ठुमरी, भजन या भावगीत सुन्दर ढंग से गाने की तैयारी।
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प्रवीण संगीताचार्य (VIII Year) - गायन (क्रयात्मक संगीत पाठ्यक्रम ) द्वितीय प्रश्नपत्र

प्रवीण संगीताचार्य (VIII Year) - गायन (क्रयात्मक संगीत पाठ्यक्रम ) द्वितीय प्रश्नपत्र

क्रयात्मक संगीत सम्बन्धी द्वितीय प्रश्न पत्र - क्रियात्मक संगीत सम्बन्धी द्वितीय प्रश्न पत्र - क्रियात्मक संगीत सम्बन्धी
1. प्रथम से सप्तम वर्षां तक के पाठ्यक्रमों के सभी क्रियात्मक संगीत सम्बन्धी शास्त्र का विस्तृत और आलोचनात्मक अध्ययन।
2. प्रबन्ध शास्त्र के तत्व एवं नियम। आधुनिक प्रबन्ध, जैसे - धु्रपद, धमार, खयाल, ठुमरी, टप्पा, दादरा, तराना, तिरवट, चतुरंग आदि की रचना करने का ज्ञान।
3. विभिन्न प्रकार की गतों जैसे मसीतखानी, रजाखानी, अमीरखानी, फिरोजखानी की नई बन्दिशों की रचना करने का ज्ञान।
4. भारतीय संगीत की वर्तमान स्थिति तथा इसका भविष्य।
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प्रवीण संगीताचार्य (VIII Year) - गायन (शुद्ध सिद्धान्त पाठ्यक्रम ) प्रथम प्रश्नपत्र

संगीत प्रभाकर (V Year) - गायन (शास्त्र पाठ्यक्रम )

संगीत प्रभाकर (V Year) - गायन (शास्त्र पाठ्यक्रम )

शास्त्र (THEORY)

१.      पिछले पाठ्यक्रमों का पूर्ण विस्तृत अध्ययन
२.      अनिबद्ध गान के प्राचीन प्रकार – रागालाप, रुपकालाप, आलाप्तिगान, स्वस्थान-नियम, विदारी, राग लक्षण, जाति-गायन और विशेषताएं, सन्यास-विन्यास, गायकी, नायकी, गान्धर्व गीत (देशी-मार्गी) पाठ्यक्रम के रागों में तिरोभाव-आविर्भाव और अल्पत्वा-बहुत्व दिखाना.

संगीत प्रभाकर (VI Year) - गायन (शास्त्र पाठ्यक्रम ) प्रथम प्रश्नपत्र

संगीत प्रभाकर (VI Year) - गायन (शास्त्र पाठ्यक्रम ) प्रथम प्रश्नपत्र

प्रथम प्रश्नपत्र - शास्त्र (First Paper - Theory)

१.      प्रथम से छठे वर्ष के सभी रागों का विस्तृत, तुलनात्मक और सूक्ष्म परिचय. उनके आलाप-तान आदि स्वरलिपि में लिखने का पूर्ण अभ्यास. समप्रकृति रागों में समता-विभिन्नता दिखाना.
२.      विभिन्न राओं में अल्पत्व-बहुत्व, अन्य रागों की छाया आदि दिखाते हुए आलाप-तान स्वरलिपि में लिखना.
३.      कठिन लिखित स्वर समूहों द्वारा राग पहचानना.
४.      दिए हुए रागों में नए सरगम बनाना. दी हुई कविता को राग में ताल-बद्ध करने का ज्ञान.

संगीत प्रवेशिका - गायन (शास्त्र मौखिक पाठ्यक्रम )

संगीत प्रवेशिका - गायन (शास्त्र मौखिक पाठ्यक्रम )

शास्त्र मौखिक परीक्षा ३० अंकों की होगी। 
 निम्नलिखित शब्दों कि परिभाषा एवं उनका ज्ञान।
ध्वनि, नाद, स्वर, चल-स्वर, अचल-स्वर, शुद्ध स्वर, एवं विकृत स्वर, आरोह, अवरोह, वादी, संवादी,लय, मात्रा, ताली सम एवं आवर्तन। Read More : संगीत प्रवेशिका - गायन (शास्त्र मौखिक पाठ्यक्रम ) about संगीत प्रवेशिका - गायन (शास्त्र मौखिक पाठ्यक्रम )

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