भरतनाट्यम (III Year) - (क्रियात्मक पाठ्यक्रम )
Submitted by raagparichay on 30 June 2020 - 12:37pm1. अलारिपु, यतिस्वरम् तथा शब्दम् को बसंत, भैरवी तथा कल्याणी किसी एक राग में आदि ताल आठ मात्रा में करने का अभ्यास।
2. कर्नाटक ताल पद्धति के चतुस्त्र ताल, आदि ताल, रूपकम् ताल, त्रिस्त्रम् ताल को हस्त द्धारा दक्षिण भारतीय पद्धति में ताली लगाकर बताने का अभ्यास।
3. सिर संचालन का श्लोक सहित ज्ञान - सम शिर, उद्धाहित शिर, अधमुख शिर, आलोलित शिर, घूत शिर, कम्पित शिर, परावृत शिर, पारिवाहित शिर।
4. दृष्टि भेद का श्लोक सहित ज्ञान - आलोकित दृष्टि, सांची दृष्टि, प्रलोकित दृष्टि, मीलित दृष्टि, अल्लोकित दृष्टि, अनुव्रत दृष्टि, अवलोकित दृष्टि।
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