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संगीत प्रभाकर (VI Year) - कत्थक (शास्त्र पाठ्यक्रम ) प्रथम प्रश्नपत्र
1. कत्थक नृत्य का विस्तृत इतिहास, विभिन्न कालों में इसकी रूप रेखा तथा इसका अंगीकरण, प्रत्येक काल के नृत्याचार्यां तथा उनकी नृत्यकला का पूर्ण परिचय।
2. रंगमंच की रचना का उद्देश्य तथा इतिहास, रंगमंच पर प्रकाश व्यवस्था एवं इसकी आवश्यकता।
3. नृत्य में वेशभूषा की आवश्यकता, वेशभूषा और रूप सज्जा में परस्पर सम्बन्ध और इस सम्बन्ध में आलोचनात्मक विचार।
4. लोकनृत्य की विशेषताएँ एवं इसके विभिन्न रूप, कत्थक एवं लेकनृत्य में परस्पर साम्य और भेद, लोकनृत्य की आवश्यकता और इसके आवश्यक अवयव।
5. भरत नाट्यम, मणिपुरी, ओड़ीसी, कुच्चिपुड़ी एवं कथकली का परिचय तथा कत्थक और इन सभी नृत्यों में परस्पर साम्य और भेद।
6. कुतप अथवा वृन्दवादन ;वतबींजतंद्ध की व्याख्या तथा इसकी रचना के सिद्धान्त, कत्थक में कुतप ;वतबींजतंद्ध की आवश्यकता तथ इसका महत्व।
7. नृत्य और अभिनय में परस्पर साम्य और भेद तथा इन दोनों की पृथक.पृथक विशेषताएँ और महत्व।
8. पाश्चात्य नृत्य का पूर्ण परिचय, इसमें प्रयोग किये जाने वाले विभिन्न करणों और रेचकों के अवलोकन, पाश्चात्य तथा कत्थक नृत्य में परस्पर साम्य और भेद, बैले नृत्य की रचना के नियम, कत्थक शैली के बैले की श्रेष्ठता पर अपने विचार।
9. आधुनिक नृत्य का पूर्ण परिचय, इसकी वेश.भूषा और कुतप ;वतबींजतंद्ध समाज में आधुनिक नृत्य का स्थान, आधुनिक नृत्य की विशेषताएँ और वर्तमान काल में इसकी आवश्यकताएँ।
10. निबन्ध - नृत्य और जीवन, नृत्य और साहित्य, नृत्य और राष्ट्र, शिक्षा में नृत्य का स्थान, नृत्य और व्यायाम तथा कत्थक नृत्य का भविष्य।