संपर्क : 9259436235
संगीत प्रभाकर (VI Year) - गायन (शुद्ध शास्त्र पाठ्यक्रम ) द्वितीय प्रश्नपत्र
Submitted by raagparichay on 17 June 2022 - 2:24pm
महाविद्यालय:
Courses Subject:
Paper:
द्वितीय प्रश्नपत्र – शुद्ध शास्त्र (Second Paper - Theory)
१. पिछले सभी वर्षों के शास्त्र सम्बंधित विषयों का सूक्ष्म तथा विस्तृत अध्ययन.
२. मध्य कालीन तथा आधुनिक संगीतज्ञों के स्वर स्थानों की आन्दोलन-संख्याओं की सहायता तथा तार की लम्बाई की सहायता से तुलना. पाश्चात्य स्वर-सप्तक की रचना, सरल गुणान्तर और शुभ स्वर संवाद के नियम, पाश्चात्य स्वरों की आन्दोलन-संख्या, हिन्दुस्तानी स्वरों में स्वर संवाद, कर्नाटकी ताल पद्धति और हिन्दुस्तानी ताल पद्धति का तुलनात्मक अध्ययन. संगीत का संक्षिप्त क्रमिक इतिहास, ग्राम, मूर्छना (अर्थ में क्रमिक परिवर्तन), मूर्छना और आधुनिक थाट, कलावंत, पंडित, नायक, वाग्गेयकार, बानी (खंडार, डागुर, नौहार, गोबरहार), गीति, गीति के प्रकार, गमक के विविध प्रकार, हिन्दुस्तानी वाद्यों के विविध प्रकार. (तत, अवनद्ध, घन, सुषरी)
३. निम्नलिखित विषयों का ज्ञान – तानपुरे से उत्पन्न होने वाले सहायक नाद, पाश्चात्य सच्चा स्वर-सप्तक (Diatonic Scale) को (Equally Tempered Scale) में परिवर्तित होने का कारन व विवरण, मेजर, माईनर और सेमिटोन, पाश्चात्य आधुनिक स्वरों के गुण-दोष, हारमोनियम पर एक आलोचनात्मक दृष्टि, तानपुरे से निकलने वाले स्वरों के साथ हमारे आधुनिक स्वर-स्थानों का मिलान. प्राचीन, मध्यकालीन तथा आधुनिक राग-वर्गीकरण, उनका महत्त्व, और उनके विभिन्न प्रकारों को पारस्परिक तुलना, संगीत-कला और शास्त्र का पारस्परिक सम्बन्ध. भरत की श्रुतियाँ सामान थीं अथवा भिन्न थीं-इस पर विभिन्न विद्वानों के विचार और तर्क. सारणा चतुष्टई का अध्ययन, उत्तर भारतीय संगीत को ‘संगीत पारिजात’ की दें, हिन्दुस्तानी और कर्नाटकी संगीत-पद्धतियों की तुलना, उनके स्वर, ताल और रागों का मिलन करते हुए पाश्चात्य स्वरलिपि पद्धति का साधारण ज्ञान, संगीत के घरानों का संक्षिप्त ज्ञान, रत्नाकर के दस विधि राग वर्गीकरण-भाषा, विभाषा इत्यादि.
४. भातखंडे और विष्णु दिगंबर स्वर-लिपियों का तुलनात्मक अध्ययन और उनकी त्रुटी और उन्नति के सुझाव.
५. लेख-भावी संगीत के समुचित निर्माण के लिए सुझाव, हिन्दुस्तानी संगीत पद्धति के मुख्या सिद्धांत. प्राचीन और आधुनिक प्रसिद्द संगीतज्ञों का परिचय तथा उनकी शैली. संगीत का मानव जीवन पर प्रभाव, संगीत और चित्त (Mind and Music) स्कूलों द्वारा संगीत शिक्षा की त्रुटियों और उन्नति के सुझाव, संगीत और स्वर साधन.