संपर्क : 9259436235
सीनियर डिप्लोमा (IV Year) - कत्थक (क्रियात्मक पाठ्यक्रम )
1. तीनताल, एकताल तथा झपताल में नृत्य की पूरी तैयारी। इन तालों में कम.से.कम 15 मिनट तक बिना बोलों को दोहराये नृत्य प्रदर्शन की क्षमता। तीनताल में एक तालांगी, एक नृत्यांगी, एक कवितांगी तथा एक मिश्रांगी तोड़ों का अभ्यास। तीनताल में तोड़ां द्वारा अतीत तथा अनागत दिखाना।
2. तीनताल में घूंघट के प्रकार तथा बंसी और पनघट के गतभाव।
3. धमार में 4 तत्कार हस्तक सहित, 2 थाट, 1 सलामी, 1 आमद, 5 तोड़े, 2 तिहाइयाँ, 2 परनें तथा 1 चक्कारदार परन।
4. विभिन्न लयकारियों का ज्ञान। तीनताल में तत्कार द्वारा पंचगुन तथा आड़ लयों को पैर से तथा हाथ से ताली देकर दिखाना।
5. तीवरा, चारताल तथा आड़ा चारताल में 2-2 ततकार तथा 2-2 तिहाइयाँ।
6. कोई दो लोकनृत्य।
7. पिछले वर्षों के सभी ताल तथा रूपक, दीपचन्दी, धुमाली, पंचम सवारी, आड़ा चारताल को हाथ से ताली देकर ठाह, दुगुन, तिगुन तथा चौगुन में बोलने और पैर से निकालने का ज्ञान।
8. बिलावल, यमन तथा भैरवी में एक.एक स्वरमालिका गाने का अभ्यास।
9. तबला वादन का प्रारम्भिक अभ्यास।