तेजस्विनी : ठुमरी की रानी’ गिरिजा देवी
Submitted by raagparichay on 11 June 2020 - 12:55amसमय के साथ भागता संगीत भले ही ऊंचा और वैविध्यपूर्ण होता जा रहा हो, लेकिन वो उतना ही नकली हो चुका है जितना अब लखनऊ का चिकनकारी वाला कुर्ता. रंग भी है, काम भी है. सजावट भी और वही अर्धपारदर्शी अहसास. लेकिन आत्मा कहीं नहीं है. सब गाने निष्प्राण कंकालों की तरह झूलते नजर आते हैं. जिनपर आप अपने अवसाद और दंभ भुनाने के लिए नाच तो सकते हैं, सुकून नहीं पा सकते. Read More : तेजस्विनी : ठुमरी की रानी’ गिरिजा देवी about तेजस्विनी : ठुमरी की रानी’ गिरिजा देवी