ज़रा सोचिए कि अबतक जीवन में आपने सबसे लंबी संगीत की धुन कौन सी सुनी है. कितनी लंबी थी वो धुन... आप कितना सुन पाए थे उसे.
चलिए छोड़िए, यह सब सोचने से आपकी सुनी धुन दुनिया की सबसे लंबी धुन नहीं होने जा रही. और तो और, जिस धुन की हम बात करने जा रहे हैं, उसे आप एक तो क्या, 10 जनम में भी न सुन पाएंगें.
जी हाँ, लंदन में पिछले 10 बरस से ऐसी ही एक धुन बजाई जा रही है. कोई 1000 वर्ष लंबी बजनेवाली संगीत धुन.
लांग प्लेयर नाम की इस धुन को हज़ार साल तक बजाने का विचार है. ये धुन पिछले 10 साल से कंप्युटर के ज़रिए लगातार बज रही है.
इसका प्रसारण दुनिया भर में कई जगहों पर इंटरनेट के माध्यम से किया जा रहा है. लेकिन पिछले एक हज़ार घंटों से संगीतज्ञ स्वयं इसे बजा रहे हैं और इसका लाइव प्रसारण भी किया जा रहा है. इस आयोजन का मक़सद लंबे समय की सोच विकसित करना है.
लांगप्लेयर
लांगप्लेयर 1999 के अंत में शुरु हुआ था और इसकी संरचना ऐसी की गई है कि ये हज़ार साल तक बजाया जा सके.
तिब्बती संगीत के कटोरों से उत्पन्न स्वरों से इस धुन की संरचना की गई है. कंप्युटर के ज़रिए इसकी धुन और तानों को अलग अलग तरह से जोड़कर अनूठे स्वर उत्पन्न किए जाते है और कोई भी धुन दो बार नहीं बजाई जाती.
इस प्रयोग का मक़सद कला और संवाद को लंबे समय तक जीवित रखना है, इतने लंबे समय तक जब न पुराने कलाकार बचे और न ही कंप्युटर.
पर ऐसा नहीं है कि मानव का इससे कोई लेना देना नहीं होगा. यही बताने के लिए कंप्युटर छोड़कर, संगीतज्ञ स्वयं इसे बजा रहे है. कंप्युटर बंद है और आने वाले 990 साल फिर कंप्युटर इस स्वर लहरी को आगे बढ़ाएंगे.
इस विचार के जनक जिम फिनर कहते हैं, "एक वाइरस की तरह ये संगीत फैलेगा और हर नए समय और तकनीक के बदलाव को वो आत्मसार कर पाएगा."
तो हो सके, तो इंतज़ार कीजिए वर्ष 2999 का जब यह धुन पूरी हो जाएगी. तबतक ये स्वर अविरल सुनाई देंगे. लंदन में छह संगीतज्ञ, दो सौ 34 तिब्बती बाउल की मदद से लांगप्लेयर का आनंद सबको दे रहे हैं.