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सामवेद व गान्धर्ववेद में स्वर
Submitted by Anand on 11 June 2020 - 11:37am
सामवेद व गान्धर्ववेद में स्वर
|
स्वर नाम |
संकेत |
स्थान |
तृप्ति(सामविधान ब्राह्मण १.१.१४) |
स्वर नाम |
स्थान |
तृप्ति(नारद पुराण १.५०) |
१ |
क्रुष्ट |
११ |
मूर्द्धा |
देव |
पंचम |
|
देव, पितर, ऋषि |
२ |
प्रथम |
१ |
ललाट |
मनुष्य |
मध्यम |
उर |
गन्धर्व |
३ |
द्वितीय |
२ |
भ्रूमध्य |
गन्धर्वाप्सरसः |
गान्धार |
अनुनासिक |
पितर |
४ |
तृतीय |
३ |
कर्ण |
पशवः |
ऋषभ |
शिर |
ऋषि |
५ |
चतुर्थ |
४ |
कण्ठ |
पितर, अण्डज |
षड्ज |
कण्ठ |
देव |
६ |
मन्द्र या पंचम |
५ |
रसना |
असुर-रक्षांसि |
धैवत |
ललाट |
यम, निषाद, भूतग्राम |
७ |
अतिस्वार्य |
६ |
हृदि |
ओषधि व अन्य जगत् |
निषाद |
सर्वसन्धि |
यक्ष |
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