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गले में सूजन, पीड़ा, खुश्की
अक्सर ज्यादा धूम्रपान करने (बीड़ी, सिगरेट पीने से), शराब पीने, खाने में ठंडी चीजे खाने से, ठंडी चीजों के खाने के बाद तुरंत ही गर्म चीजें खाने से, पेट में बहुत ज्यादा कब्ज रहने से, कच्चे फल खाने या फिर नाक तथा गला खराब करने वाली चीजों को सूंघने से, अम्लीय (खट्टे) चीजों को खाने से या ज्यादा देर तक बातें करने के कारण गले में खराबी आ जाती है जिससे गले में सूजन, दर्द, खुश्की तथा थूक निगलने में परेशानी या गला बैठ जाना आदि रोग पैदा हो जाते हैं।
लक्षण
गले में खराबी हो जाने के कारण गले के अंदर सूजन आ जाती है। गले में बहुत दर्द होता है। थूक निगलने में बहुत परेशानी आती है, गले में खुजली मचती है, सूखी खांसी हो जाती है और बुखार रहने लगता है। थूक और बलगम बाहर निकलने में बहुत परेशानी आती है। गला बैठ जाता है तो आवाज भी खराब हो जाती है और साफ नहीं निकलती है।
भोजन और परहेज
रोगी को गर्दन का व्यायाम (कसरत) अर्थात् चारों ओर बारी-बारी से गर्दन को घुमाने की क्रिया रोजाना सुबह उठते ही करनी चाहिए।
सामान्य भोजन करें, जिसमें मिर्च-मसालों का सेवन न करें और पानी को हमेशा उबालकर पीना चाहिए।
रात को सोते समय बराबर मात्रा में दूध और पानी को मिलाकर पीना चाहिए।
गले की सूजन में धूम्रपान (बीड़ी, सिगरेट को पीना) का सेवन नहीं करना चाहिए।
भोजन को पेट भरकर नहीं करना चाहिए।
उड़द, बासी भोजन, सुपारी, खटाई, मछली, मांस, दातुन और नहाते समय ठंडे पानी का प्रयोग नही करना चाहिए।
विभिन्न औषधियों से उपचार
1. मूली
150 मिलीलीटर मूली के रस में 5 ग्राम नमक को मिलाकर गर्म करके गरारे करने से गले की सूजन समाप्त होती है।
थोड़े से मूली के बीजों को पीसकर गर्म पानी से सेवन करें।
2. धनिया : गले में सूजन हो जाने की हालत में धनिये के दानों को पीसकर उसमें गुलाबजल मिलाकर गले पर चंदन की तरह लगाने से लाभ होता है।
3. फिटकरी : 10 ग्राम फिटकरी को तवे पर भूनकर और पीसकर चूर्ण बना लें। इसमें से 2 ग्राम की मात्रा में फिटकरी चाय या गर्म पानी के साथ दिन में 4 बार सेवन करने से लाभ होगा।
4. तुलसी :
10 ग्राम तुलसी की मंजरी (बीज) और 5 ग्राम सेंधानमक को पीसकर चूर्ण बना लें। इसमें से 2 चुटकी चूर्ण सुबह और 2 चुटकी शाम को सेवन करने से गले की सूजन में आराम मिलता है।
एक कप पानी में 4-5 कालीमिर्च और 5 तुलसी की पत्तियां उबालकर इनका काढ़ा बनाकर पीने से गला खुल जाएगा और सूजन भी कम हो जाएगी।
5. लहसुन: पानी में लहसुन का रस घोलकर गरारे करने से गले की आवाज खुल जायेगी तथा खरखराहट और दर्द दूर होगा।
6. बबूल : बबूल की छाल को पानी में उबालकर इस पानी से गरारे करने से गले की सूजन में लाभ होता है।
7. जामुन: जामुन की गुठलियों को सुखाकर बारीक-बारीक पीसकर 2-2 चुटकी चूर्ण सुबह-शाम शहद के साथ गले की सूजन में लाभ होता है।
8. बेर : बेर के पत्तों को पानी में उबाल लें। फिर उस पानी को छानकर थोड़ा सा सेंधानमक डालकर पीने से गले की सूजन में आराम मिलता है।
9. गोभी : गोभी के पत्तों का रस निकालकर 2 चम्मच पानी में मिलाकर गले की सूजन में सेवन करें।
10. सिरका : गले में दर्द और खराश होने पर गुनगुने पानी में सिरका डालकर गरारे करने चाहिए।
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