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संगीत रत्नाकर के अनुसार स्वरों के कुल, जाति
संगीत रत्नाकर १.३.५२ के अनुसार स्वरों के कुल, जाति आदि(श्रीमती विमला मुसलगाँवकर की पुस्तक से साभार)
|
षड्ज |
ऋषभ |
गान्धार |
मध्यम |
पञ्चम |
धैवत |
निषाद |
जाति |
ब्राह्मण |
क्षत्रिय |
वैश्य |
ब्राह्मण |
ब्राह्मण |
क्षत्रिय |
वैश्य |
कुल |
गीर्वाण |
ऋषि |
देव |
देव |
पितृकुल |
ऋषिकुल |
असुर |
वर्ण |
पद्मनाभ |
पिञ्जर |
सुवर्ण |
कुन्दप्रभ |
असित |
पीत |
कर्बुर |
द्वीप |
जम्बू |
शाक |
कुश |
क्रौञ्च |
शाल्मलि |
श्वेत |
पुष्कर |
ऋषि |
वह्नि |
वेधा |
शशांक |
लक्ष्मीकान्त |
नारद |
तुम्बुरु |
तुम्बुरु |
देवता |
वह्नि |
ब्रह्मा |
सरस्वती |
शर्व |
श्रीश |
गणेश्वर |
सहस्रांशु |
छन्द |
अनुष्टुप् |
गायत्री |
त्रिष्टुप् |
बृहती |
पङ्क्ति |
उष्णिक् |
जगती |
गोत्र |
जमदग्नि |
अत्रि |
गौतम |
वसिष्ठ |
श्रीवत्स |
पराशर |
शालंकाय |
नक्षत्र |
शतभिषक् |
चित्रा |
धनिष्ठा |
मघा |
उत्तरा |
पूर्वाषान |
अनुराधा |
राशि |
कुम्भ |
तुला |
मीन |
सिंह |
कन्या |
धनु |
वृश्चिक |
राशिस्वामी |
शनि |
भृगु |
शशी |
सूर्य |
बुध |
गुरु |
मङ्गल |
गण |
अद्भुत, राक्षस |
राक्षस |
राक्षस |
राक्षस |
मनुष्य |
मनुष्य |
देव |
रस |
वीर, रौद्र |
रौद्र |
शान्त |
हास्य |
शृङ्गार |
बीभत्स, भयानक |
करुण |
उपरोक्त तालिका में स्वरों के नक्षत्र, राशि आदि कहां से लिए गए हैं, यह पता नहीं है।
वैदिक कर्मकाण्ड के विभिन्न कृत्यों में तानों में वर्जित स्वर(संगीत रत्नाकर १.४.७२ के अनुसार डा. लक्ष्मीनारायण गर्ग द्वारा तालिकाबद्ध)
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