वेद में एक शब्द है समानिवोआकुति

वेद में एक शब्द है समानिवोआकुति

वेद में एक शब्द है समानिवोआकुति जिसका अर्थ है श्रोताओं को मन के अनुसार बांध कर सामान भाव से संतुष्ट कर देना. उन्होंने ठुमरी को नीचे से ऊपर पहुँचाया और अगर उन्हें संगीत का वाज्ञेयकार कहा जाय तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी.

"मुझे याद है 1972 में टाउनहॉल मैदान में एक कार्यक्रम के दौरान वो मंच पर आईं और उन्होंने राग यमन, मालकौंस के बाद कई बंदिशें सुनाई लेकिन उसके बाद जब ठुमरी शुरू हुई तो उपस्थित जनसमूह ने उन्हें कुछ देर और गाने का आग्रह किया. बड़े ही मीठे स्वर में उन्होंने कहा 'आप लोग जाए न देबा’ और वे एक घंटे तक अनवरत जाती रहीं. Read More : वेद में एक शब्द है समानिवोआकुति about वेद में एक शब्द है समानिवोआकुति

राग की तुलना में भाव सौंदर्य को अधिक महत्वपूर्ण ठुमरी होती है।

राग की तुलना में भाव सौंदर्य को अधिक महत्वपूर्ण ठुमरी होती है।

ठुमरी- ठुमरी गीत का वह प्रकार है जिसमें राग की शुद्धता की तुलना में भाव और सौंदर्य को अधिक महत्व दिया जाता है। इसकी प्रकृति चपल और द्रुत होती है। इसमें शब्द कम होते हैं और शब्दों का भाव विविध स्वर -समूहों द्वारा व्यक्त किया जाता है। ठुमरी श्रृंगार रस प्रधान होती है। इसमें मींड़ और कण का विशेष प्रयोग होता है।

ठुमरी का एक और प्रकार है जो शब्द और लय प्रधान है। इसके शब्द अनुप्रास युक्त होते हैं, जैसे छाई छटा, तरसे लरजे, जिया पिया बिना इत्यादि ।

इस ठुमरी में वियोग व्यथा की पराकाष्ठा का अनुमान कीजिये।

स्थाई:- पपीहा पी की बोली न बोल। Read More : राग की तुलना में भाव सौंदर्य को अधिक महत्वपूर्ण ठुमरी होती है। about राग की तुलना में भाव सौंदर्य को अधिक महत्वपूर्ण ठुमरी होती है।

भरतनाट्यम (संगीत प्रवेशिका) - (क्रियात्मक पाठ्यक्रम )

1. एक से आठ अणु तथा उनका पद संचालन, ठाह तथा दुगुन लय में व्यक्त करना।
2. 10 असंयुक्त मुद्रा दिखाने की योग्यता।
3. तिस्त्रम्, रूपकम् तथा आदि ताल को हाथ से ताली देकर दिखाना। Read More : भरतनाट्यम (संगीत प्रवेशिका) - (क्रियात्मक पाठ्यक्रम ) about भरतनाट्यम (संगीत प्रवेशिका) - (क्रियात्मक पाठ्यक्रम )

भरतनाट्यम (संगीत प्रवेशिका) - (शास्त्र पाठ्यक्रम )

निबद्ध- अनिबद्ध गान: व्याख्या, स्वरूप, भेद

निबद्ध- अनिबद्ध गान: व्याख्या, स्वरूप, भेद

निबद्ध – अनिबद्ध की व्याख्या प्राचीन ग्रंथों से लेकर आधुनिक काल तक होती रही है। निबद्ध -अनिबद्ध विशेषण हैं और ‘गान’ संज्ञा है जिसमें ये दोनों विशेषण लगाए जाते हैं। निबद्ध – अनिबद्ध का सामान्य अर्थ ही है ‘बँधा हुआ’ और ‘न बँधा हुआ’, अर्थात् संगीत में जो गान ताल के सहारे चले वह निबद्ध और जो उस गान की पूर्वयोजना का आधार तैयार करे वह अनिबद्ध गान के अन्तर्गत माना जा सकता है। वैसे निबद्ध के साथ आलप्ति और अनिबद्ध के साथ लय का काम किया जाता रहा है। Read More : निबद्ध- अनिबद्ध गान: व्याख्या, स्वरूप, भेद about निबद्ध- अनिबद्ध गान: व्याख्या, स्वरूप, भेद

उस्ताद बड़े गुलाम अली खान वाला पटियाला घराना

उस्ताद बड़े गुलाम अली

पटियाला घराना ख्याल गायकी के बड़े घरानों में गिना जाता है. इस घराने के प्रतिनिधि गायकों में अली बख्श और फतेह अली खान की गिनती होती है.

हालांकि इस घराने की लोकप्रियता बड़े गुलाम अली खान के आने के बाद से बढ़ी. इस घराने में ठुमरियों की गायकी पर महारत हासिल है.

इस घराने की गायकी में भावपक्ष पर भी काफी जोर दिया जाता है. मंद्र, मध्य और तार यानी तीनों सप्तक में इस घराने के कलाकार अपनी द्रुत ताने प्रस्तुत करते हैं. Read More : उस्ताद बड़े गुलाम अली खान वाला पटियाला घराना about उस्ताद बड़े गुलाम अली खान वाला पटियाला घराना

Pages

Search engine adsence