गोरवारा कुनिथा नृत्य

गोरवारा कुनिथा नृत्य कर्नाटक में प्रचलित एक धार्मिक नृत्य है, जिसे 'मयलरालिंगा' उत्सव पर किया जाता है। यह नृत्य अपनी चित्ताकर्षक लयात्मकता के लिए जाना जाता है। गोरारा कुनथा कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के कुरुबा गौड़ास का पारंपरिक नृत्य है। कुरुबा गौड़ास भगवान मेलारा लिंग के भक्त हैं, इस समुदाय से जुड़े लोग देवरे या गोरवा की परंपरा का पालन करने के लिए दीक्षा की प्रक्रिया लेते हैं। दीक आमतौर पर शादी से पहले किया जाता है उन्होंने भगवान मेलारा लिंग और लोक रूप गोरवा कुनथा के लिए अपने बाकी जीवन समर्पित कर दिया।

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जनजातीय और लोक संगीत

जनजातीय और लोक संगीत

जनजातीय और लोक संगीत उस तरीके से नहीं सिखाया जाता है जिस तरीके से भारतीय शास्‍त्रीय संगीत सिखाया जाता है । प्रशिक्षण की कोई औपचारिक अवधि नहीं है। छात्र अपना पूरा जीवन संगीत सीखने में अर्पित करने में समर्थ होते हैं । ग्रामीण जीवन का अर्थशास्‍त्र इस प्रकार की बात के लिए अनुमति नहीं देता । संगीत अभ्‍यासकर्ताओं को शिकार करने, कृषि अथवा अपने चुने हुए किसी भी प्रकार का जीविका उपार्जन कार्य करने की इजाजत है। Read More : जनजातीय और लोक संगीत about जनजातीय और लोक संगीत

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