झमाकड़ा नृत्य

लोक नृत्य. झमाकड़ा नृत्यझमाकड़ा नृत्य काँगड़ा क्षेत्र में किया जाने वाला नृत्य है| इस नृत्य का प्रचलन जिस समय बारात वधू के द्वार पर आ पहुंचती है, उस समय ग्राम्य वधुएँ नए वस्त्र धारण कर बारात की आगवानी करती हैं, उन्हें मीठी-मीठी गाली गलौज भी करती हैं | हास्य-व्यंग्य द्वारा बारातियों को संबोधित किया जाता है | झमाकड़ा नृत्य करते समय पारंपरिक पहनावे में घाघरी कुर्त्ता धारण किया जाता है | सिर पर चांदी का चाक, गले में कंठहार तथा चन्द्रहार, नाक में नथनी, पैरों में पाजेब धारण 

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जनजातीय और लोक संगीत

जनजातीय और लोक संगीत

जनजातीय और लोक संगीत उस तरीके से नहीं सिखाया जाता है जिस तरीके से भारतीय शास्‍त्रीय संगीत सिखाया जाता है । प्रशिक्षण की कोई औपचारिक अवधि नहीं है। छात्र अपना पूरा जीवन संगीत सीखने में अर्पित करने में समर्थ होते हैं । ग्रामीण जीवन का अर्थशास्‍त्र इस प्रकार की बात के लिए अनुमति नहीं देता । संगीत अभ्‍यासकर्ताओं को शिकार करने, कृषि अथवा अपने चुने हुए किसी भी प्रकार का जीविका उपार्जन कार्य करने की इजाजत है। Read More : जनजातीय और लोक संगीत about जनजातीय और लोक संगीत

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